1. संविधान के अनुच्छेद 370 के किन खंडों को राष्ट्रपति ने अधिसूचना जारी कर खत्म कर दिया है?
a. खंड 1
b. खंड 2
c. खंड 3
d. b और c
b. खंड 2
c. खंड 3
d. b और c
Answer: d. - b और c (खंड 2 और खंड 3)
- केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को पूरी तरह से नहीं हटाया गया है. - कई जगह न्यूज में यह कहा जा रहा है कि अनुच्छेद को हटा दिया गया। यह बातचीत में तो चल सकता है, लेकिन एग्जाम्स की तैयारी के नजरिए से यह गलत हो जाएगा।
दरअसल, अनुच्छेद 370 तीन भागों में बंटा हुआ है। खंड 1, खंड 2 और खंड 3.
- संसद में गृह मंत्रालय के बयान के मुताबिक 370(1) बाकायदा कायम है। जबकि सिर्फ 370 (2) और (3) को हटाया गया है.
- धारा 370 के दोनों खंडों को हटाने का आदेश राष्ट्रपति के नोटिफिकेशन के साथ ही तुरंत लागू हो गया है।
- धारा 370 के दोनों खंडों को हटाने का आदेश राष्ट्रपति के नोटिफिकेशन के साथ ही तुरंत लागू हो गया है।
क्या है 370(1)
- इसके प्रावधान के मुताबिक जम्मू और कश्मीर की सरकार से सलाह करके राष्ट्रपति आदेश द्वारा संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों को जम्मू और कश्मीर पर लागू किया जा सकता हैं.
- इसके प्रावधान के मुताबिक जम्मू और कश्मीर की सरकार से सलाह करके राष्ट्रपति आदेश द्वारा संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों को जम्मू और कश्मीर पर लागू किया जा सकता हैं.
- इसी अधिकार का उपयोग करते हुए राष्ट्रपति ने खंड 2 और 3 को समाप्त कर दिया है।
- कश्मीर को जो स्वायत्तता मिलती थी, जो अलग अधिकार (विशेष दर्जा) मिलते थे, वे सब हट गए हैं। जिस वजह से कहा जाता था कि एक देश में दो निशान, दो विधान, दो प्रधान, ये सब खत्म हो जाएंगे। धारा 370 का खण्ड एक लागू रहेगा जो कहता है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है।
- कश्मीर को जो स्वायत्तता मिलती थी, जो अलग अधिकार (विशेष दर्जा) मिलते थे, वे सब हट गए हैं। जिस वजह से कहा जाता था कि एक देश में दो निशान, दो विधान, दो प्रधान, ये सब खत्म हो जाएंगे। धारा 370 का खण्ड एक लागू रहेगा जो कहता है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है।
- 370(1) में प्रावधान के मुताबिक जम्मू और कश्मीर की सरकार से सलाह करके राष्ट्रपति आदेश द्वारा संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों को जम्मू और कश्मीर पर लागू कर सकते हैं.
- पहले भारतीय संसद के कई संवैधानिक फैसले जो कश्मीर पर लागू नहीं होते थे, वे अब पूरे देश की तरह यहां भी लागू होंगे।
- वित्तीय फैसले भी जो अब तक लागू नहीं होते थे, वे भी लागू होंगे।
- अब आर्टिकल 360 (आर्थिक आपातकाल) भी लागू होगा
- यही वजह है कि राष्ट्रपति के नोटिफिकेशन में अब जम्मू-कश्मीर में जो संविधान सभा थी, उसका नाम विधानसभा कर दिया गया है।
- मतलब कि आर्टिकल 356 लागू होगा।
- पहले उसका नाम संविधान सभा इसलिए था, क्योंकि भारत की संसद की तरह ही वह कई संवैधानिक निर्णय करती थी।
- चाहे संसद में पारित निर्णयों को पारित करने का निर्णय हो, चाहे उसे नामंजूर करने का हो।
- सबसे बड़ी बात यह कि अब देश का कोई भी नागरिक कश्मीर में उसी तरह रह या बस सकेगा, जिस तरह वह अन्य राज्यों में रह या बस सकता है।
- वित्तीय फैसले भी जो अब तक लागू नहीं होते थे, वे भी लागू होंगे।
- अब आर्टिकल 360 (आर्थिक आपातकाल) भी लागू होगा
- यही वजह है कि राष्ट्रपति के नोटिफिकेशन में अब जम्मू-कश्मीर में जो संविधान सभा थी, उसका नाम विधानसभा कर दिया गया है।
- मतलब कि आर्टिकल 356 लागू होगा।
- पहले उसका नाम संविधान सभा इसलिए था, क्योंकि भारत की संसद की तरह ही वह कई संवैधानिक निर्णय करती थी।
- चाहे संसद में पारित निर्णयों को पारित करने का निर्णय हो, चाहे उसे नामंजूर करने का हो।
- सबसे बड़ी बात यह कि अब देश का कोई भी नागरिक कश्मीर में उसी तरह रह या बस सकेगा, जिस तरह वह अन्य राज्यों में रह या बस सकता है।
आर्टिकल 370 के प्रावधान से ही इसके खंडों को खत्म किया गया
- आर्टिकल 370 को निष्प्रभावी घोषित करने के लिए संविधान में संशोधन करने की कानूनी बाध्यता नहीं है।
- इसके खंड तीन के प्रावधान को राष्ट्रपति की मजह एक अधिसूचना के माध्यम से संशोधित किया जा सकता है।
- इसी आर्टिकल में राष्ट्रपति को एक अधिसूचना के द्वारा इसके खंडों को खत्म करने के अधिकार देने का प्रावधान है।
- 370(3) में प्रावधान था कि 370 को बदलने के लिए जम्मू और कश्मीर संविधान सभा की सहमति चाहिए.
- लेकिन जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लागू होने के कारण इस बाध्यता का पालन जरूरी नहीं रह जाता है।
- आर्टिकल 370 को निष्प्रभावी घोषित करने के लिए संविधान में संशोधन करने की कानूनी बाध्यता नहीं है।
- इसके खंड तीन के प्रावधान को राष्ट्रपति की मजह एक अधिसूचना के माध्यम से संशोधित किया जा सकता है।
- इसी आर्टिकल में राष्ट्रपति को एक अधिसूचना के द्वारा इसके खंडों को खत्म करने के अधिकार देने का प्रावधान है।
- 370(3) में प्रावधान था कि 370 को बदलने के लिए जम्मू और कश्मीर संविधान सभा की सहमति चाहिए.
- लेकिन जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लागू होने के कारण इस बाध्यता का पालन जरूरी नहीं रह जाता है।
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2. राज्यसभा ने जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 पारित कर दिया, इसके तहत राज्य का नया स्वरूप क्या होगा?
a. राज्य दो हिस्सों में (जम्मू कश्मीर व लद्दाख) बंटकर केंद्र शासित प्रदेश बनेगा
b. पूरा राज्य केंद्र शासित प्रदेश बनेगा
c. पूर्ण राज्य का दर्जा मिलगा
d. इनमें से कोई नहीं
b. पूरा राज्य केंद्र शासित प्रदेश बनेगा
c. पूर्ण राज्य का दर्जा मिलगा
d. इनमें से कोई नहीं
Answer: a. राज्य दो हिस्सों में (जम्मू कश्मीर व लद्दाख) बंटकर केंद्र शासित प्रदेश बनेगा
- जम्मू कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लेह-लद्दाख में बांटा गया।
- राज्य में अब तक 22 जिले थे।
- राज्य में अब तक 22 जिले थे।
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3. जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक के अनुसार अब जम्मू कश्मीर, विधानसभा वाला ...वां केंद्र शासित प्रदेश होगा?
a. पहला
b. दूसरा
c. तीसरा
d. चौथा
b. दूसरा
c. तीसरा
d. चौथा
Answer: c. तीसरा
- जम्मू कश्मीर में विधानसभा होगी, लेकिन केंद्र शासित प्रदेश होने के नाते वहां की सरकार को उपराज्यपाल की सलाह पर काम करना होगा।
- जबकि लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी।
- मौजूदा समय में सिर्फ दिल्ली और पुदुचेरी में विधानसभा हैं, लेकिन अब जम्मू-कश्मीर भी विधानसभा वाला तीसरा केंद्र शासित प्रदेश हो जाएगा।
- विधानसभा वाले केंद्र शासित प्रदेशों में केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के रूप में राज्यपाल की जगह उपराज्यपाल होते हैं।
- केंद्र शासित प्रदेशों से संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) के लिए सदस्य भी चुने जाते हैं।
- जबकि लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी।
- मौजूदा समय में सिर्फ दिल्ली और पुदुचेरी में विधानसभा हैं, लेकिन अब जम्मू-कश्मीर भी विधानसभा वाला तीसरा केंद्र शासित प्रदेश हो जाएगा।
- विधानसभा वाले केंद्र शासित प्रदेशों में केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के रूप में राज्यपाल की जगह उपराज्यपाल होते हैं।
- केंद्र शासित प्रदेशों से संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) के लिए सदस्य भी चुने जाते हैं।
- केंद्र सरकार उपराज्यपाल के नाम की सिफारिश राष्ट्रपति से करती है।
- आमतौर पर राष्ट्रपति केंद्र द्वारा अनुमोदित नाम पर मुहर लगाते हैं। यानी अब मोदी सरकार जिस व्यक्ति का नाम उपराज्यपाल के लिए सुझाएगी, उसे राष्ट्रपति स्वीकार कर लेंगे।
- अभी सत्यपाल मलिक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल हैं।
- राज्य में आईएएस और आईपीएस अफसरों की तैनाती का अधिकार केंद्र सरकार यानी उपराज्यपाल के पास होगा।
- आमतौर पर राष्ट्रपति केंद्र द्वारा अनुमोदित नाम पर मुहर लगाते हैं। यानी अब मोदी सरकार जिस व्यक्ति का नाम उपराज्यपाल के लिए सुझाएगी, उसे राष्ट्रपति स्वीकार कर लेंगे।
- अभी सत्यपाल मलिक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल हैं।
- राज्य में आईएएस और आईपीएस अफसरों की तैनाती का अधिकार केंद्र सरकार यानी उपराज्यपाल के पास होगा।
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4. जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक के अनुसार अब प्रस्तावित केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों की संख्या 107 से बढ़कर कितनी हो जाएगी?
a. 110
b. 115
c. 117
d. 150
b. 115
c. 117
d. 150
Answer: c. 117
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5. जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 के मुताबिक क्षेत्रफल के हिसाब से देश का सबसे बड़ा केंद्र शासित प्रदेश कौन होगा?
a. लद्दाख
b. जम्मू कश्मीर
c. उत्तर प्रदेश
d. दिल्ली
b. जम्मू कश्मीर
c. उत्तर प्रदेश
d. दिल्ली
Answer: b. जम्मू कश्मीर
- सबसे बड़ा जम्मू कश्मीर और फिर लद्दाख होगा।
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6. जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक के अनुसार क्षेत्रफल के हिसाब से भारत का सबसे बड़ा जिला कौन सा होगा?
a. लेह
b. करगिल
c. लद्दाख
d. जम्मू
b. करगिल
c. लद्दाख
d. जम्मू
Answer: a. लेह
- यह लद्दाख का एक जिला होगा।
- यह 45,110 वर्ग किलोमीटर में फैला है।
- इसलिए क्षेत्रफल के हिसाब से लेह भारत का सबसे बड़ा जिला है।
- यह 45,110 वर्ग किलोमीटर में फैला है।
- इसलिए क्षेत्रफल के हिसाब से लेह भारत का सबसे बड़ा जिला है।
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7. जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 के मुताबिक प्रस्तावित केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में कितने जिले होंगे?
a. 21
b. 20
c. 19
d. 18
b. 20
c. 19
d. 18
Answer: b. 20
जम्मू-कश्मीर (20 जिले)
- अनंतनाग, बांदीपोरा, बारामूला, बड़गाम, डोडा, गांदरबल, जम्मू, कठुआ, किश्तवाड़, कुलगाम, पुंछ, कुपवाड़ा, पुलवामा, रामबन, रसाई, राजौरी, सांबा, शोपियां, श्रीनगर, उधमपुर
- अनंतनाग, बांदीपोरा, बारामूला, बड़गाम, डोडा, गांदरबल, जम्मू, कठुआ, किश्तवाड़, कुलगाम, पुंछ, कुपवाड़ा, पुलवामा, रामबन, रसाई, राजौरी, सांबा, शोपियां, श्रीनगर, उधमपुर
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8. जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 के मुताबिक प्रस्तावित केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में कितने जिले होंगे?
a. 2
b. 1
c. 10
d. 12
b. 1
c. 10
d. 12
Answer: a. 2
लद्दाख (2 जिले)
- लेह और करगिल
- लेह और करगिल
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9. 2021 की जनगणना कितनी अनुसूचित भाषाओँ में की जायेगी?
a. 5
b. 10
c. 15
d. 18
b. 10
c. 15
d. 18
Answer: d. 18
- जनगणना 2021 का संचालन 22 में से 18 अनुसूचित भाषाओँ में किया जायेगा।
- इससे पहले वर्ष 2011 की जनगणना का संचालन 16 अनुसूचित भाषाओँ में किया गया था।
- जनगणना दो चरणों में की जायेगी : पहले चरण अप्रैल, 2020 से सितम्बर 2020 के बीच किया जाएगा, जबकि दूसरे चरण का आयोजन 9 फरवरी, 2021 से 28 फरवरी, 2021 के दौरान किया जायेगा।
- इस जनगणना में 31 लाख से अधिक प्रशिक्षित कर्मचारी हिस्सा लेंगे, इस दौरान डाटा कलेक्शन एंड्राइड बेस्ड स्मार्टफ़ोन्स के द्वारा एकत्रित किया जाएगा।
- जनगणना से सम्बंधित डाटा 2024-25 तक उपलब्ध हो जायेगा।
- इससे पहले वर्ष 2011 की जनगणना का संचालन 16 अनुसूचित भाषाओँ में किया गया था।
- जनगणना दो चरणों में की जायेगी : पहले चरण अप्रैल, 2020 से सितम्बर 2020 के बीच किया जाएगा, जबकि दूसरे चरण का आयोजन 9 फरवरी, 2021 से 28 फरवरी, 2021 के दौरान किया जायेगा।
- इस जनगणना में 31 लाख से अधिक प्रशिक्षित कर्मचारी हिस्सा लेंगे, इस दौरान डाटा कलेक्शन एंड्राइड बेस्ड स्मार्टफ़ोन्स के द्वारा एकत्रित किया जाएगा।
- जनगणना से सम्बंधित डाटा 2024-25 तक उपलब्ध हो जायेगा।
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